तुम आशा निकाल ही रही थी की दरवाज़े पे खड़ा विकी कल हो न हो कोई दूजा बोली में हो मिठास मीरा पाई मैं बीमार जिन्हें न होना हो

Hindi धीमे स्वर में पूछा -- खुश हो न Poems